जरा एक पल के लिए अपनी आँखें बंद करें और अपनी मनपसंद जगह के बारे में सोचें।
शायद आपने सोचा होगा: "नीला आसमान, ठंडी हवा, हरी घास और स्वादिष्ट खाना।"
अब इन वाक्यों से 'नीला', 'ठंडी', 'हरी' और 'स्वादिष्ट' शब्दों को हटा दें। क्या बचा? "आसमान, हवा, घास और खाना।" कितना फीका और बेजान लग रहा है न? बस यही जादू है विशेषण (Visheshan) का।
विशेषण वे शब्द हैं जो हमारी भाषा में रंग, स्वाद, गुण और भावनाएँ भरते हैं। लेकिन व्याकरण की दृष्टि से यह टॉपिक इतना आसान नहीं है जितना दिखता है। क्या आप जानते हैं कि "थोड़ा पानी" और "थोड़े लोग" में विशेषण का भेद बदल जाता है? या "काला घोड़ा" और "घोड़ा काला है" में व्याकरणिक अंतर है?
इस विस्तृत गाइड (Ultimate Guide) में हम विशेषण को केवल ऊपर-ऊपर से नहीं, बल्कि विद्वानों के नजरिए से गहराई में समझेंगे। यह आर्टिकल स्कूल से लेकर UPSC, CTET और SSC जैसी परीक्षाओं के लिए एक 'रामबाण नोट्स' है।
विषय सूची (Table of Contents)
- 1. विशेषण: अर्थ और विद्वानों की परिभाषाएँ
- 2. मुख्य शब्दावली (विशेष्य, प्रविशेषण, क्रिया-विशेषण)
- 3. स्थान के आधार पर भेद (उद्देश्य और विधेय विशेषण) - Advanced
- 4. विशेषण के 4 भेद और उप-भेद (Detailed Analysis)
- 5. तुलनात्मक अवस्थाएँ (Degrees)
- 6. विशेषण की रचना (Formation of Adjectives)
- 7. टेस्ट क्विज (Test Your Knowledge)
1. विशेषण: अर्थ और विद्वानों की परिभाषाएँ
लेकिन व्याकरण के गंभीर छात्रों के लिए केवल इतनी परिभाषा काफी नहीं है। आइए देखते हैं हिंदी के महान विद्वानों ने इसे कैसे परिभाषित किया है:
"विशेषण वह शब्द है, जिससे संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है।"
— पंडित कामता प्रसाद गुरु (हिंदी व्याकरण के जनक)
(व्याप्ति मर्यादित होने का अर्थ है: जब हम 'घोड़ा' कहते हैं, तो दुनिया के सारे घोड़े उसमें आ जाते हैं। लेकिन जब हम 'काला घोड़ा' कहते हैं, तो बाकी रंगों के घोड़े अलग हो जाते हैं, यानी घोड़े का दायरा सीमित (मर्यादित) हो गया।)
"संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।"
— आचार्य किशोरीदास वाजपेयी
2. मुख्य शब्दावली (Key Concepts)
विशेषण को पूरी तरह समझने के लिए इन 3 तकनीकी शब्दों का अंतर समझना जरूरी है:
| शब्द | अर्थ | उदाहरण |
|---|---|---|
| विशेषण (Adjective) | जो विशेषता बताए। | सुंदर, लाल |
| विशेष्य (Noun) | जिसकी विशेषता बताई जाए। | लड़की, गुलाब |
| प्रविशेषण (Adverb of Degree) | जो विशेषण की भी विशेषता बताए। | 'बहुत' सुंदर, 'गहरा' लाल |
3. स्थान के आधार पर विशेषण (Advanced Grammar)
बहुत कम लोग जानते हैं कि विशेषण का स्थान बदलने से उसका नाम भी बदल जाता है। प्रयोग की दृष्टि से इसके दो भेद हैं:
(A) उद्देश्य विशेषण (Attributive Adjective)
जब विशेषण, विशेष्य (संज्ञा) के पहले आता है। इसे 'विशेष्य विशेषण' भी कहते हैं।
- चालाक बालक भाग गया।
- सुंदर लड़की पढ़ रही है।
(B) विधेय विशेषण (Predicative Adjective)
जब विशेषण, विशेष्य (संज्ञा) और क्रिया के बीच में आता है (यानी बाद में)।
- बालक चालाक है।
- लड़की सुंदर है।
- यह आम मीठा है।
4. विशेषण के 4 भेद और उप-भेद (Detailed Analysis)
हिंदी व्याकरण में विशेषण के 4 मुख्य भेद हैं। आइए हर एक को परिभाषा के साथ गहराई से समझें।
(1) गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
इसके 6 मुख्य रूप हैं:
- गुण/दोष बोधक: अच्छा, बुरा, सच्चा, झूठा, दयालु, क्रोधी।
- रंग-रूप बोधक: काला, लाल, सुनहरा, चमकीला, धुंधला।
- आकार बोधक: गोल, चौकोर, लंबा, बौना, नुकीला।
- स्थान/देश बोधक: भारतीय, जापानी, ग्रामीण, शहरी, बनारसी।
- काल (Time) बोधक: नया, पुराना, आगामी, मौसमी, मासिक।
- दशा बोधक: अमीर, गरीब, सूखा, गीला, रोगी, स्वस्थ।
(2) संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
A. अनिश्चित संख्यावाचक: जहाँ संख्या पक्की न हो। (कुछ लोग, सब बच्चे)।
B. निश्चित संख्यावाचक: जहाँ संख्या पक्की हो। इसके 5 उप-भेद हैं:
1. गणनावाचक (Counting)
जिससे केवल गिनती (1, 2, 3) का बोध हो। (मेरे पास चार पेन हैं।)
2. क्रमवाचक (Ordinal/Rank)
जिससे कतार में स्थान (पहला, दूसरा) का बोध हो। (राम प्रथम आया।)
3. आवृत्तिवाचक (Frequency)
जिससे गुना (Multiplication) का पता चले। (दुगुना, तिगुना।)
4. समुदायवाचक (Group)
समूह का बोध। (दोनों, तीनों, चारों।)
5. प्रत्येकबोधक (Individual)
हर एक का बोध। (प्रत्येक, हर-एक, हर दिन।)
(3) परिमाणवाचक विशेषण (Adjective of Quantity)
जिन वस्तुओं को गिना नहीं जा सकता, केवल नापा या तौला जाता है।
- निश्चित परिमाणवाचक: 2 किलो चीनी, 5 लीटर दूध।
- अनिश्चित परिमाणवाचक: थोड़ा पानी, जरा सा नमक, ढेर सारा अनाज।
(4) सार्वनामिक विशेषण (Demonstrative Adjective)
परिभाषा: जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा से ठीक पहले आकर उसकी विशेषता बताता है।
- यह घर मेरा है।
- वह लड़का शैतान है।
- ऐसा आदमी नहीं देखा।
5. तुलनात्मक अवस्थाएँ (Degrees of Comparison)
विशेषणों की तुलना तीन अवस्थाओं में की जाती है:
| मूलावस्था (Positive) | उत्तरावस्था (Comparative) | उत्तमावस्था (Superlative) |
|---|---|---|
| लघु (Small) | लघुतर | लघुतम |
| उच्च (High) | उच्चतर | उच्चतम |
| सुंदर | से अधिक सुंदर | सबसे सुंदर |
6. विशेषण की रचना (Formation of Adjectives)
विशेषण शब्द मूल रूप से भी होते हैं (जैसे- लाल, सुंदर) और दूसरे शब्दों से बनाए भी जाते हैं। इसे 'विशेषण निर्माण' कहते हैं। यह टॉपिक परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
संज्ञा से विशेषण
- धर्म ➔ धार्मिक
- इतिहास ➔ ऐतिहासिक
- प्यार ➔ प्यारा
- जहर ➔ जहरीला
- नमक ➔ नमकीन
क्रिया से विशेषण
- पढ़ना ➔ पढ़ाकू
- लड़ना ➔ लड़ाकू
- बेचना ➔ बिकाऊ
- भागना ➔ भगोड़ा
सर्वनाम से विशेषण
- मैं ➔ मेरा
- यह ➔ ऐसा
- वह ➔ वैसा
- कौन ➔ कैसा
7. टेस्ट क्विज (Test Your Knowledge)
अपने ज्ञान को परखें। सही उत्तर देखने के लिए प्रश्न पर क्लिक करें।
1. "बालक चालाक है" - इसमें 'चालाक' किस प्रकार का विशेषण है?
उत्तर: विधेय विशेषण। (क्योंकि यह संज्ञा और क्रिया के बाद आया है।)
2. "रमेश 2 किलो जलेबी लाया।" - इसमें कौन सा विशेषण है?
उत्तर: निश्चित परिमाणवाचक। (क्योंकि जलेबी तौली जाती है।)
3. "कक्षा में प्रत्येक छात्र पास हो गया।" - भेद बताएँ।
उत्तर: प्रत्येकबोधक (संख्यावाचक)।
निष्कर्ष (Conclusion)
विशेषण (Adjective) का सही प्रयोग भाषा को प्रभावशाली और सटीक बनाता है। यदि आप 'उद्देश्य और विधेय विशेषण' का अंतर और 'विशेषण की रचना' के नियमों को समझ गए, तो व्याकरण में आपकी पकड़ बहुत मजबूत हो जाएगी।
हमें उम्मीद है कि हमारे विस्तृत विश्लेषण से आपको बहुत मदद मिली होगी। Scribble Hindi के साथ जुड़े रहें!
